विकल्प मौजूद हो तो लोग सेहत से समझौता नहीं करते… यह कहना है कि Oddy Uniwraps के सीईओ अतुल गर्ग का। अतुल गर्ग खान-पान की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव के वाहक बनने जा रहे है। वो Oddy Uniwraps के रूप में एक अनूठे उत्पाद को लेकर आए हैं। एल्युमिनियन फॉयल में मौजूद खतरनाक तत्व के बारे में जानने के बाद आंत्रप्रन्योर अतुल गर्ग ने इसके विकल्प में अपने बिजनेस को देखा। फिर क्या था… अतुल ने एक फ्रांसीसी कंपनी के साथ मिलकर भारत में खाने के सहेजने की दुनिया ही बदल दी। लंच, डिनर हो या स्नेक्स… या फिर मार्केट के पैक्ड फूड… हर जगह Oddy Uniwraps की मांग बढ़ गई है। अतुल की ओडी यूनिवैप्स भारत की सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों में से एक है। वो अगले पांच साल में कंपनी के कारोबार को 10 हजार करोड़ पर ले जाना चाहते हैं। हितेंद्र गुप्ता ने अतुल गर्ग से उनके अब तक के सफर के बारे में बात की…
आप अपने आंत्रप्रन्योर बनने के बारे में कुछ बताइए।
एक बिजनेस परिवार से होने के बावजूद ग्रेजुएशन के समय मेरे पेरेंट्स की ओर से कोई प्रेशर नहीं था कि मैं बिजनेस ही ज्वाइन करूं। सबसे बड़ा भाई होने के कारण मैं शुरू से ही काफ़ी इंडीपेंडेंट था। अपने पिताजी को देखकर मैं पहले से ही उनसे भी बड़ा बिजनेसमैन बनने की इच्छा रखता था। सच कहूं तो मैं आंत्रप्रन्योर के अलावा कुछ और बन ही नहीं सकता था
आपको Oddy Uniwraps को शुरू करने का आइडिया कैसे और कहां से आया?
स्टेशनरी का बिजनेस शुरू करते हुए मैंने काफी मेहनत की थी। खाने-पीने का भी ध्यान नहीं रख पाता था। टिफिन लाने पर भी कई बार खा नहीं पाता था। पैकिंग एल्यूमिनियम फॉयल में ही होती थी। एक दिन मेटल प्वॉजनिंग की बात सुनी तो बड़ा अचंभा हुआ। तभी टिफिन में रखे एल्युमिनियम फॉयल पर नजर पड़ी। मैं तो दिन में दो बार उसी में से खाना खाता था। मुझे लगा इसपर रिसर्च करनी चाहिए और रिसर्च करने पर काफी खतरनाक नतीजे सामने आए।
जब आपके मन में Oddy Uniwraps शुरू करने का विचार आया तो परिवार से किस तरह का सपोर्ट मिला ? क्या किसी विरोध का भी सामना करना पड़ा?
परिवार से पूरा सपोर्ट रहा। उन्हें शायद पता था की ये जुनूनी आदमी है ऐसे नहीं मानेगा। उनको मैंने काफी तंग किया। हम अलग-अलग पेपर तैयार करके लाते थे और तरह-तरह के इंडियन खाना बनवा कर उस तैयार पेपर को फॉयल के साथ कंपेयर थे। कभी पेपर ओवन में जल जाता था, कभी अचार का तेल लीक हो जाता था। घरवालों को काफी परेशानी होती थी लेकिन उनका पूरा सपोर्ट मिला। उन्हें पता था की ऐसा प्रोडक्ट किसी भी परिवार के लिए फायदेमंद ही है।
अब आप Oddy Uniwraps के बारे में बताइए। इसकी खास बात क्या है?
काफी R&D करने के बाद और कई बार फेल होने के बाद हम खाने के लिए ऐसा wrapping paper बना पाए जो खाने के साथ यूज करने में सेफ है, एल्युमिनियम फॉयल खाने के साथ रिएक्ट करता है पर ये पेपर ऑरगनिक सेलुलोज से बना है, लीक प्रुफ है, ग्रीज प्रुफ है, माइक्रोवेव ओवन और ग्रिल ओवन में भी सेफ है। पर्यावरण के लिए भी सेफ है। सबसे खास बात ये है कि इसको ऑर्गेनिक कूड़े-कचरे के साथ ही डिस्पोज किया जा सकता है।
आपके वेंचर में वो कौन सा फैक्टर है जो इसे अपने क्षेत्र में दूसरों से अलग बनाता है?
हमारी conscience! लोग इतने साल से एल्युमिनियम फॉयल बेच रहे हैं। पहले उनको बेनेफिट ऑफ डाउट दे सकते थे की शायद उन्हें पता ना हो पर आज के जमाने में जब ये साफ है कि एल्युमिनियम फॉयल कितनी हानिकारक है, लोग अब भी इसे बेच रहे हैं… मुझे ये समझ नहीं आता की लोग स्लो प्वॉइजन कैसे बेच सकते है। हमारा प्रोडक्ट अपनी खास क्वालिटी के कारण खुद से ही काफी डिमांड में है। लोगों को सिर्फ ये बताना है कि एल्युमिनियम फॉयल का विकल्प मार्केट में उपलब्ध है।
एल्युमिनियम फॉयल सेहत के लिए खतरनाक है। लोगों में इस बारे में जागरूकता लाने के लिए आप क्या-क्या कर रहे हैं?
एल्युमिनियम फॉयल सुरक्षित नहीं है। इसके बारे में कई रिसर्च और मीडिया रिपोर्ट पहले से लोगों के सामने हैं। जागरूकता आ रही है और यहां से बढ़ेगी ही। हमें सिर्फ इस बदलाव को आगे बढ़ाना है
Oddy Uniwraps का अभी तक किस तरह का रेस्पांस मिला है? लोग इसे किस तरह से ले रहे हैं?
दोनों हाथों से। जैसा कि मैंने कहा लोगों को बस ये बताने भर की देर है कि एल्युमिनियम फॉयल का विकल्प मार्केट में है। ग्राहक समझदार हैं। वो इस तरह का स्लो प्वॉइजन खिलाकर अपने परिवार के सेहत के साथ इतना बड़ा धोखा नहीं कर सकते।
Oddy Uniwraps के प्रमोशन के बारे में आप क्या-क्या कर रहे हैं?
इस दिशा में हम काफी कुछ कर रहे हैं। ऑनलाइन प्रमोशन, डिस्ट्रीब्यूटर बनाना, सैंपलिंग, फील्ड एक्टिविटीज– जो भी एक कंजूमर प्रोडक्ट को बेचने के लिए करना चाहिए…हम कर रहे हैं।
आपको शुरुआती दौर में किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा ?
ये समझाने में की ये फॉयल नहीं है। जब हम लोगों को इसके फायदे के बारे बताते थे, और जब वे इसे दुबारा लेने आते थे तो इसको पेपर फॉयल के नाम से मांगते थे। ये पेपर है- ऑर्गेनिक! कई दुकानदार इसको रखने को तैयार नहीं थे क्योंकि ग्राहक इसे मांगता ही नहीं था… असल में उसे पता ही नहीं है कि बाजार में ऐसा कुछ उपलब्ध भी है।
इन चुनौतियों के बीच कभी आपको ऐसा लगा कि मुझसे नहीं हो पाएगा। कभी ऐसा हुआ जब फेल हो जाने का डर लगा हो?
बिलकुल नहीं। मुझे इस प्रोडक्ट पर शुरू से ही पूरा भरोसा रहा है। और जब आप एक ऐसा काम कर रहे होते हैं जो सभी के फायदे के लिए हो तो सपोर्ट अपने आप कहीं से भी आ जाता है। एक बड़े न्यूज़ चैनल पर एल्युमिनियम फॉयल के नुकसान के बारे में 5-6 मिनट की रिपोर्ट आयी। उसकी वजह से हमारी सेल अपने आप काफी बढ़ गयी। मेरा ये मानना है की जब आप समाज की भलाई के लिए काम करते हैं तो सहयोग हर तरफ से अपने-आप मिलने लगता है।
कितने लोगो के साथ मिलकर अपने Oddy Uniwraps की शुरुआत की… और आज कितने लोग काम करते है आपके साथ ?
हमने दो लोगों से Oddy Uniwraps की शुरुआत की थी। आज हमारी टीम में लगभग 35 लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे है।
जब आप Oddy Uniwraps के लिए किसी सदस्य, कर्मचारी को चुनते हैं तो किस खास बात का ध्यान रखते है ?
Hunger to grow ethically, सिर्फ़ मंज़िल पाना ही जरूरी नहीं है, आपने क्या रास्ता लिया है वो भी बहुत जरूरी है।
क्या Oddy Uniwraps अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काम कर रही या सिर्फ राष्ट्रीय स्तर तक सीमित है?
अभी हम केवल इंडिया की हेल्थ पर फोकस कर रहे हैं।
Oddy Uniwraps को लेकर आपके क्या गोल्स है? भविष्य के लिए क्या प्लान है ? क्या टार्गेट लेकर चल रहे हैं आप?
घर-घर में oddy uniwraps हो… ये हमारी सोच है। हमारा कंपीटिशन एल्युमिनियम फॉयल से नहीं है, न्यूजपेपर से है… कपड़े से है… उन असुरक्षित चीज़ों से है जो अभी भी खाना wrap करने में इस्तेमाल होते हैं।
आंत्रप्रन्योर बनने के बाद आपके जीवन में क्या-क्या बदलाव आए हैं?
उम्र के साथ कुछ बदलाव जरूर है – आंत्रप्रन्योर बनने की वजह से नहीं। I have always been an entrepreneur and have lived this life always.
दफ्तर से अलग आपकी दिनचर्या क्या है? आपको क्या-क्या पसंद है?
मैं सुबह जल्दी उठकर नियम से योग, स्क्वैश, स्वीमिंग करता हूं। एक स्वस्थ दिमाग और शरीर ही समाज को सहयोग दे सकता है। परिवार के साथ छुट्टी पर जाना मुझे बहुत पसंद है और हां, रविवार को घर पर पॉपकॉर्न के साथ बड़ी स्क्रीन पर कोई बढ़िया सी मूवी देखना।
दफ्तर का तनाव आप किस तरह से मिटाते हैं?
तनाव तब होता है जब आप अपना काम इंज्वॉय नहीं कर रहे होते। एक अच्छा काम अपने आप में आपको इतना मोटिवेटेड रखता है कि तनाव की कोई जगह ही नहीं होती।
अगर एक महीने के लिए छुट्टी बिताने के लिए आपको मिले तो क्या कीजिएगा?
हर व्यक्ति के सेहत के लिए फायदेमंद Oddy uniwraps के प्रमोशन का काम करूंगा।
आप अगले पांच साल में कंपनी को किस स्तर पर देखते हैं?
मैं इस कम्पनी को एक हजार करोड़ की कंपनी के रूप में देखना चाहता हूं।
वह कौन सा मंत्र है जिसने आपको सफलता दिलाई? अपने शुरुआती मिशन के बारे में भी बताये?
Disciplined approach taking all people along with you! business is boring if you wish to succeed, आपको एक ही काम बार-बार बिना थके करना पड़ता है। जरूरी बात यह है कि आपको सिर्फ अपना फायदा नहीं देखना है…ग्राहक, कर्मचारी, वेंडर सबको साथ लेकर चलना है… तभी आप ग्रो कर पाएंगे।
आप उन लोगों को क्या सलाह देना चाहेंगे जो आपकी ही तरह खुद का स्टार्ट-अप करना चाहते हैं ?
पहला, अगर आपका बिजनेस कस्टमर की कोई प्रॉब्लम सॉल्व नहीं कर रहा है तो आप लंबे समय तक नहीं टिक पाएंगे।
दूसरा, आपको हर काम आना चाहिए…जब आप ग्रो करेंगे, उसको डेलिगेट करके मैनेज करने में आसानी होगी।
-हितेन्द्र गुप्ता
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i loved the last lines, specially that we have to pursue what we want, repeatedly. there is no short cut to success, nice post #myfriendalexa #princyreads
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