भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान के बाद लोग कैशलेस ट्रांजेक्शन अपनाने लगे हैं। लोगों में डिजिटल पेमेंट की तरफ रुझान बढ़ा है। प्रधानमंत्री का सपना है कि देश डिजिटल बने। कैशलेस सोसायटी बनाने के लिए सरकार लोगों में जागरूकता फैला रही है। कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रोत्साहन भी दे रही है।
देश में काफी लोग पहले से ही कैशलेस पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, चेक, ड्राफ्ट, नेट बैंकिंग और पेटीएम जैसे ई-वॉलेट का इस्तेमाल हम पहले से ही करते आ रहे हैं। आइए हम आपको यहां बता रहे हैं कि आप भी कैसे बन सकते हैं कैशलेस-
कार्ड पेमेंट- बैंक कार्ड से तीन तरह के पेमेंट होते हैं- डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्री पेड कार्ड।
डेबिट कार्ड- जब आप किसी बैंक में अपना अकाउंट खुलवाते हैं तो आपको पासबुक के साथ डेबिट कार्ड दिया जाता है। कई निजी बैंक पासबुक नहीं देते हैं। इसमें आपके अकाउंट से पैसा निकलता है। डेबिट कार्ड से आप ना सिर्फ एटीएम मशीन से पैसा निकाल सकते हैं बल्कि अपने खाते का संचालन भी कर सकते हैं। इसके साथ ही आप बाजार में शॉपिंग भी कर सकते हैं। ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड-यह डेबिट कार्ड की तरह होता है। डेबिट कार्ड में आपके अकाउंट से पैसा निकलता है, जबकि क्रेडिट कार्ड में आपको बैंक से लोन दिया जाता है। निर्धारित समय तक नियत रकम ना जमा करने पर आपको ब्याज देना पड़ता है। इससे आप ऑनलाइन पेमेंट आ शॉपिंग कर सकते हैं।
प्री पेड कार्ड– प्री पेड कार्ड में आपको पहले से ही पैसा रिचार्ज करा के रखना होता है। कार्ड में जितना पैसा होगा आप उसे डेबिट कार्ड की तरह खर्च कर सकते हैं।
चेक- यह बैंक खाते के साथ मिलता है। इसे भरकर आप किसी के नाम से जारी कर सकते हैं। जिस व्यक्ति के नाम से आप इसे जारी करेंगे वह इसे बैंक में जाकर अपने खाते में डालकर पैसा निकाल सकता है।
डिमांड ड्रॉफ्ट- डिमांड ड्रॉफ्ट आपको बैंक से बनवाना पड़ता है। इसे किसी व्यक्ति या संस्था के नाम से जारी किया जाता है। जिसे जमा करने पर उस व्यक्ति या संस्था को पैसा मिल जाता है।
नेट बैंकिंग- किसी बैंक में आपका अकाउंट है तो आप वहां से नेट बैंकिंग की भी सुविधा ले सकते हैं। इससे आप शॉपिंग करने के साथ ऑनलाइन फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं। फंड ट्रांसफर करने के तीन तरीके हैं-
1. NEFT (National Electronic Funds Transfer)– इससे आप पैसे किसी को तभी ट्रांसफर कर सकते हैं जब बैंक खुला हो। यह आमतौर पर किसी भी कार्यदिवस को 9 बजे सुबह से शाम छह बजे तक का हो सकता है।
2. RTGS (Real Time Gross Settlement)– इसका इस्तेमाल ज्यादा पैसा भेजने के लिए किया जाता है।
3. IMPS (Immediate Money Payment System)– इससे आप किसी भी समय फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।
मोबाइल बैंकिंग- जिस बैंक में आपका बैंक अकाउंट है, आप उस बैंक का एप डाउनलोड कर मोबाइल से ही बैंक का सारा काम कर सकते हैं।
USSD- Unstructured Supplementary Service Data इसमें आप मोबाइल को बैंक से रजिस्टर कर अपने खाते से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।
UPI- Unified Payments Interface इसमें आप अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कर लेन-देन कर सकते हैं। इसमें आपको एक नया आइडैंटिटी दिया जाता है। इससे ऑनलाइन सुरक्षा का स्तर तीन गुना बढ़ जाता है। इससे लेन-देन करना काफी सुरक्षित है।
ई-वॉलेट- कैशलेश ट्रांजेक्शन का यह सबसे आसान तरीका है। बस आपको एसबीआई बडी, पेटीएम, मोबिक्विक, फ्रीचार्ज जैसे किसी एप को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करने रजिस्टर करना है। गूगल प्लेस्टोर से आप एप डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें आप जितना पैसा रखेंगे उतना खर्च कर पाएंगे। खर्च होने पर इसे फिर से रिचार्ज कर सकते हैं।
आधार कार्ड- Aadhaar Enabled Payment System आप अपने आधार नंबर का इस्तेमाल करके भी लेन-देन कर सकते हैं। इसमें आपको अपना आधार नंबर बैंक खाते से लिंक कराना होता है। लेन-देन करने के लिए बॉयोमीट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैनर में अपना अंगूठा लगाना होता है।
-हितेंद्र गुप्ता
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Very helpful
ReplyDeleteRamkishor
ReplyDeleteHmm bro
ReplyDeletePlease
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